IIश्री स्वामी समर्थ जय जय स्वामी समर्थII
मूळ ज्ञान-भांडार
संचार प्रबोधने
विषय सूची
| विषय क्र. | विषय | प्रवचन संख्या |
| १ | स्वास्थ्य रहस्य | २४ |
| २ | श्रीमद् भगवद् गीता | २१ |
| ३ | श्री गुरुगीता | १९ |
| ४ | सहजसाधना | ३४ |
| ५ | यशप्राप्ती | ३१ |
| ६ | मानवता | ७२ |
| ७ | श्रीगुरुचरित्र | ५६ |
| ८ | ज्ञानाधिष्ठित आचरण | ११ |
| ९ | समस्या निराकरण | ३४ |
| १० | श्रुतीज्ञान –ईशावास्योपनिषद | १५ |
| ११ | श्रुतीज्ञान –ऐतरेयोपनिषद् | १० |
| १२ | श्रुतीज्ञान –तैतरेयोपनिषद् | ४५ |
| १३ | श्रुतीज्ञान –कठोपनिषद् | २२ |
| १४ | श्रुतीज्ञान –केनोपनिषद् | ८ |
| १५ | श्रुतीज्ञान –मुंडकोपनिषद् | १२ |
| १६ | श्रुतीज्ञान –श्वेताश्वेतोपनिषद् | २० |
| १७ | श्रुतीज्ञान –मांडुक्योपनिषद् | ५ |
| १८ | श्रुतीज्ञान –प्रश्नोपनिषद् | १९ |
| १९ | श्रुतीज्ञान –छांदोग्योपनिषद् | १०८ |
| २० | नामसाधनायोग | ३३ |
| २१ | धर्मसंस्थापनार्थाय | ५२ |
| २२ | पुरुषार्थ | २९ |
| २३ | प्रेमतत्व | ५६ |
| २४ | श्री स्वामी समर्थ चरित्र तत्व रहस्य प्रथम | ६० |
| २५ | श्री स्वामी समर्थ चरित्र तत्वरहस्य द्वितीय | १०० |
| २६ | श्री स्वामी समर्थ चरित्र तत्वरहस्य तृतीय | |
| २७ | नित्य उपासना क्रम | ५५ |
| २८ | विराटपुरुष | ५६ |
| २९ | धर्माधिष्ठित अर्थतत्व | ४३ |
| ३० | पथनिर्देश | ०५ / ५६ |
| ३१ | परमसत्य | ३४ |
| ३२ | प्राणतत्व | ५५ |
| ३३ | धर्माधर्मविवेक | ६५ |
| ३४ | सत्शिष्य सद् गुरु तथा गुरुभाव | ४५ |
| ३५ | पिंड ब्रह्मांड ब्रह्मांडनायक | ४४ |
| ३६ | भक्तिक्रियादर्शन | १३ / ५० |
| ३७ | समता तथा विषमता | ६० |
| ३८ | आचरण शास्त्र | ५२ |
| ३९ | स्वभावसे स्वरूपतक | ५८ |
| ४० | अलौकिक स्वामीतत्व | ६२ |
| ४१ | ईक्षण परीक्षणसे मुल्यांकन | ५२ |
| ४२ | लोकसंग्रहार्थाय | ५५ |
| ४३ | व्यक्तिनिष्ठासे तत्वनिष्ठा | ५२ |
| ४४ | शक्तितत्व | ५३ |
| ४५ | मनुष्य जीवनका उद्देश | ५५ |
| ४६ | निषिध्दतत्व | ५० |
| ४७ | कल्याणार्थ जीवनप्रणाली | ५० |
| ४८ | मनुष्य संस्कृति उत्थान | ६० |
| ४९ | सज्जनोंका संघटन | ६० |
| ५० | सास्कृतिक शिक्षणप्रणाली | ५५ |
| ५१ | अज्ञानसे मुक्ति तथा ज्ञान विज्ञानकी प्राप्ती | ७० |
| ५२ | शिवगुरु तत्वरहस्य | ५० |
| ५३ | श्रुती ज्ञान – बृहद्अरण्योपनिषद् | |
| ५४ | अध्यात्मज्ञानका पुनरुत्थान | |
| ५५ | श्री स्वामी भक्त चरित्र रहस्य | |
| ५६ | मनुष्यसे ईश्वरतत्वतक | |
| ५७ | सृष्टी सृजन रहस्य | |
| ५८ | संस्कारित मानवविश्व | |
| ५९ | बालसंस्कार व्यवस्था | |
| ६० | मानव परम कर्तव्य | |
| ६१ | मुक्तिपथ |